पौड़ी, नवप्रदेश। अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में पिता वीरेंद्र भंडारी ने मीडिया से बातचीत में कई अहम बातें कहीं। उन्होंने बताया कि बेटी 18 तारीख की रात 8:30 से लापता थी। मैं थाने से पटवारी के पास (Ankita Hatyakand) गए।
वहां का चार्ज वैभव प्रताप के पास था। 19 तारीख को जब मैं वहां पहुंचा तो पुलकित आर्य और अंकित पहले से मौजूद थे। इस दौरान उनसे बहस हुई और वो मुझे मारने के लिए खड़े हो गए।
वीरेंद्र भंडारी ने रिजॉर्ट गिराए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा है कि उसमें साक्ष्य थे तो उसे क्यों ढहाया गया। मेरी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चले और फांसी (Ankita Hatyakand) हो।
रिजॉर्ट पर हुई कार्रवाई पर उठ रहे सवालों पर पौड़ी एएसपी शेखर सुयाल ने कहा “कई मीडिया रिपोर्ट में चल रहा है कि साक्ष्य मिटाए गए हैं। मैं बताना चाहता हूं कि मैं खुद 22 तारीख को रिजॉर्ट गया था।
जहां हमने वीडियोग्राफी भी कराई थी। 23 तारीख की सुबह फॉरेंसिक टीम ने जांच की थी और साक्ष्यों को सुरक्षित किया (Ankita Hatyakand) था”
मामले में हत्यारोपी पुलकित आर्य को लेकर एक और खुलासा हुआ है। उसने हरिद्वार मे BAMS करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए थे। पुलकित पर साल 2016 में हरिद्वार में धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस अब पुलकित की क्राइम कुंडली खंगाल रही है। कई अन्य मामलों का खुलासा हो सकता है।