रायपुर/नवप्रदेश। Anganwadi Worker Movement : हजारों आंगनबाडी कार्यकर्ता 45 डिग्री तापमान में सड़क पर उतरने को मजबूर हुए है। वे अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन कर रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कल्याण संघ के बैनर तले प्रदेश भर के 25 जिलों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंदोलन कर रहे हैं। इनकी ये हड़ताल दो दिन से चल रही हैं।
सरकार की बेरुखी से मजबूर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सड़कों पर शुक्रवार का यह मंजर जिसने भी देखा उनके होश उड़ गए। करीब साढ़े 3 हजार महिलाएं राजधानी की सड़क पर रात बिताने को मजबूर हुईं। ये सभी महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं हैं। यह आंदोलन सरकार की बेरुखी से मजबूर होकर कर रहे है।
दरअसल कांग्रेस सत्ता में आने से पहले चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिए जाएंगे, लेकिन इतने साल गुजर जाने के बाद भी सत्ताधारी ने वह वादा नहीं निभाया। भूपेश सरकार के इस रवैये से हताश और नाराज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को आंदोलन का रुख करना पड़ा।
तेज गर्मी में भी प्रदर्शन
गर्मी की तपिश में भी अपनी मांगों को लेकर रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल (Anganwadi Worker Movement) पर डटे हुए हैं। इनका यह प्रदर्शन 9 और 10 जून दो दिवसीय है। आंदोलनरत बागबाहरा के ब्लॉक अध्यक्ष सरोज चंद्राकर का कहना है कि , हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हम लोगों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक कलेक्टर दर दी जाए। हमारी मांगें नहीं मानी जाती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
रायपुर में महापड़ाव : पद्मावती साहू
भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष ममता साहू ने आंदोलन स्थल पर जाकर इस आंदोलन का समर्थन किया। वहीं, छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष पद्मावती साहू का कहना है कि, प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका भीषण गर्मी में रात में महापड़ाव पर बैठी हैं। ये सभी आंदोलन को सफल बना रहीं हैं। हमारी मुख्य मांग शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक कलेक्टर दर देने की है। जनघोषणा पत्र में भी यह कहा गया था। हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो 7 से 11 जुलाई तक अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगी।
वहीँ, बेमेतरा जिला अध्यक्ष विद्या जैन का कहना है कि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन से मुख्यमंत्री पोषण अभियान प्रभावित हो रहा है। हम सभी शासकीय काम करते हैं लेकिन हमें शासकीय नहीं माना जाता है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की ये हैं सात सूत्रीय मांग
शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक जन घोषणा पत्र में किए गए लिखित वादा कलेक्टर दर को पूर्ण किया जाए।
सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना के लिए नीति निर्धारित कर इसको लागू कराने का कष्ट करें।
सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त भुगतान किया जाए।
मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने के साथी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत प्रतिशत बिना उम्र बंधन और बिना परीक्षा लिए भर्ती किया जाए।
इसी तरह सहायिकाओ (Anganwadi Worker Movement) को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर लिया जाए।
25% का बंधन समाप्त किया जाए, साथ ही विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए।
प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए।
पोषण ट्रैकर एप और अन्य कोई भी कार्य जब तक मोबाइल नेट चार्ज करने का पैसा नहीं दिया जाता है तब तक मोबाइल से कोई भी कार्य ना लिया जाए।
रेडी टू ईट का परिवहन व्यय नहीं देकर परियोजना कार्यालय से उठाव का दबाव बनाया जा रहा है, जिसे निरस्त कर पहले के समान आंगनबाड़ी केंद्रों तक रेडी टू ईट दिया जाए।