नई दिल्ली, 26 जून। Amit Shah On Hindi Language : देश में भाषा को लेकर हो रही बहसों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक मजबूत और संतुलित बयान देते हुए कहा है कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि उनकी सहयोगी है। उन्होंने यह भी बताया कि अब देश की सबसे बड़ी परीक्षाएं जैसे JEE, NEET और CUET कुल 13 भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं, जिससे छात्रों को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने का अधिकार मिला है।
परीक्षाएं अब 13 भाषाओं में – छात्रों को मिली भाषा की आज़ादी
गृह मंत्री ने जानकारी दी कि पहले CAPF कांस्टेबल भर्ती जैसी परीक्षाओं में केवल हिंदी और अंग्रेज़ी में ही आवेदन की अनुमति थी, लेकिन अब इन्हें और लचीला (flexible) बनाया गया (Amit Shah On Hindi Language)है। देश के 95% से ज़्यादा अभ्यर्थी अब अपनी मातृभाषा में परीक्षा दे रहे हैं, जो एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
“हिंदी, भारतीय भाषाओं की दोस्त है”
अमित शाह ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि:
“हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं हो सकती। वह सबकी मित्र है। हिंदी और अन्य भाषाएं मिलकर ही भारत के स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पूरा कर सकती हैं।”
यह बयान उन आरोपों के जवाब में आया है, जिसमें हिंदी को थोपने के आरोप लगाए जा रहे हैं। शाह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि केंद्र सरकार भाषाओं के बीच संतुलन बना रही (Amit Shah On Hindi Language)है, न कि किसी एक भाषा को थोपने की कोशिश।
मातृभाषा में परीक्षा = आत्मविश्वास में बढ़ोतरी
मातृभाषा में परीक्षा देने से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ता है और समझ बेहतर होती है। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्र अब बिना भाषा की बाधा के प्रतियोगी परीक्षाओं में समान रूप से भाग ले पा रहे हैं। यह नीति शिक्षा के लोकतांत्रिकरण की ओर एक मजबूत कदम है।