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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका का फैसला, अमेरिकी उच्चायुक्त ने स्टाफ की आवाजाही रोकी

America's decision amid India-Pakistan tension, US High Commissioner stops movement of staff

india pak war

न्यूयॉर्क। india pak war: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते पाकिस्तान में अमेरिकी मिशन ने अपने सभी कर्मचारियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान की सेना ने भी देश के सभी नागरिकों को घरों में रहने की सलाह दी है जब तक कि नया आदेश न आए। अमेरिकी दूतावास और कांसुलेट्स ने शुक्रवार को एक ‘सुरक्षा चेतावनी’ जारी कर कहा कि पाकिस्तान आर्मी ने 10 मई को देश के सभी नागरिकों से कहा है कि वे अगले आदेश तक घरों से बाहर न निकलें। इसी के चलते अमेरिका ने पाकिस्तान में अपने स्टाफ की आवाजाही पूरी तरह रोक दी है और दोपहर बाद हालात की समीक्षा करेगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का निर्देश

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को पहले से जारी ‘यात्रा न करने’ की चेतावनी दोहराई है, खासकर भारत-पाक सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक के इलाकों में, जहां आतंकवाद और संघर्ष का खतरा ज्यादा है। इसके अलावा मंत्रालय ने पूरे पाकिस्तान के लिए भी यात्रा पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा, ‘अगर अमेरिकी नागरिक खुद को किसी संघर्ष वाले इलाके में पाते हैं, तो वे सुरक्षित तरीके से वहां से निकलने की कोशिश करें। अगर निकलना संभव न हो, तो वहीं सुरक्षित स्थान पर रहें। चेतावनी में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान से आने-जाने वाली फ्लाइट्स की स्थिति अभी अस्थिर है, इसलिए अमेरिकी नागरिकों को अपने एयरलाइन से उड़ानों की स्थिति की जांच करते रहनी चाहिए।

सुरक्षा सलाह में अमेरिकी नागरिकों को यह भी कहा गया है कि-

दोनों देशों में तनाव क्यों बढ़ा?

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव उस समय और बढ़ गया जब भारतीय सेना ने बुधवार को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (क्कश्य) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह हमले 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किए गए थे, जिसमें सीमा पार से जुड़े सुराग मिले थे। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने गुरुवार और शुक्रवार की रात भारत के अलग-अलग हिस्सों में, जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक, 26 जगहों पर ड्रोन्स के जरिए हमले किए। हालांकि भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की इन कोशिशों को नाकाम कर दिया गया और देश के हवाई अड्डों व सैन्य ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

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