वाशिंगटन। अमेरिका (america) ने अपने यहां कोरोना (corona) से निपटने के लिए भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) मंगाई। लेकिन अब उसी अमेरिका (america) में शोध (research) करके बताया जा रहा है कि इस दवा का उन 90 फीसदी मरीजों के हार्ट पर साइड इफेक्ट (side effect) देखा जा रहा है, जिनका इलाज इस दवा से हुआ है। ऐ मरीज कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित थे।
बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) मलेरिया की दवा है। भारत की ओर से जब इस दवा को अमेरिका को देने में थोड़ा विलंब हो गया तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने यह तक कह दिया था कि दवा न देने पर भारत पर कार्रवाई की जाएगी।
डेली मेल की खबर के मुताबिक अमेरिका के मैसाच्यूसेट्स जनरल हॉस्पिटल व फ्रांस की लीयोन यूनविर्सिटी ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से इलाज किए गए क्रमश: 90 व 40 मरीजों के हार्ट की की जांच कर साइड इफेक्ट (side effect) का निष्कर्ष निकाला है।
हृदय गति में खतरनाक स्तर की अतालता
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से इलाज किए गए मरीजों में खतरनाक स्तर के हार्ट अरिदमिया (हृदय गति की अतालता) के लक्षण पाए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लंबे समय तक हृदय गति की अतालता बनी रही तो यह हार्ट अटैक व स्ट्रोक (ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन सेल का डेड हो जाना) का कारण बन सकता है।
पहले खुद ही शोध कर बताए थे दवा के फायदे
बता दें कि फ्रांस के वैज्ञानिकों ने ही अपने शोध में बताया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से कोरोना (corona) मरीज स्वस्थ होने में काफी समय लेते हैं। इसके बाद ही अमेरिका के डॉक्टरों व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस दवा से उम्मीद जगी थी।
लिहाजा अमेरिका समेत कई देशों ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लिए गुहार लगाई। लेकिन अब अमेरिका समेत ये देश ही कह रहे हैं कि इस दवा से इलाज किए गए लोगों के हार्ट में साइड इफेक्ट आ रहा है। फ्रांस को भी भारत की ओर से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन मंगाई जा चुकी है।