श्रीनगर, 26 जून। Amarnath Yatra 2025 Security : 3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा 2025 अब सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं रह गई, बल्कि ये बन गई है सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऑपरेशन स्तर की चुनौती। पहलगाम हमले के बाद यात्रा मार्ग और शिविर अब सुरक्षा के किले में तब्दील किए जा रहे हैं, जहां हर मोड़, हर छाया, हर चेहरा स्कैन हो रहा है।
मॉक ड्रिल या माइक्रो वॉर सिमुलेशन?
पंथा चौक ट्रांजिट कैंप में हाल ही में हुई मॉक ड्रिल महज अभ्यास नहीं थी, ये एक संदेश था आतंकियों को।
परिदृश्य:
एक कार से आए आतंकी घुसपैठ करते हैं
AK-47 से ट्रांजिट कैंप में अंधाधुंध फायरिंग
जवाब में पुलिस, SOG, CRPF, SDRF, SSB का त्वरित (Amarnath Yatra 2025 Security)रिस्पॉन्स
आतंकियों को ट्रैक कर कैंप के अंदर ही न्यूट्रलाइज किया गया
ये सिर्फ अभ्यास नहीं, ये था एक्शन की लाइव रिहर्सल।
पहलगाम हमले के बाद क्यों बदला पूरा सुरक्षा ढांचा?
हाल ही में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक अलार्म बेल था। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों की ओर से टारगेटेड अटैक की संभावना जताई गई है। इसी को ध्यान में रखते (Amarnath Yatra 2025 Security)हुए हर स्तर पर सुरक्षा क्लासिफाइड लेवल तक बढ़ा दी गई है।
फेस रिकग्निशन से लेकर ड्रोन तक… हाईटेक निगरानी का यज्ञ
चेहरा पहचानने वाले कैमरे (Face Recognition):
ट्रांजिट कैंप और यात्रा मार्गों पर स्थापित
ड्रोन निगरानी:
ऊंचे इलाकों और गुफा के आस-पास लाइव ट्रैकिंग
हर 50 मीटर पर मॉनिटरिंग कैमरे
आईडी स्कैनिंग वेरिफिकेशन:
हर यात्री के दस्तावेजों का डिजिटल क्रॉस चेक
कहां-कहां तैनात हैं विशेष बल?
ज़ोन फोर्स तैनात
पहलगाम रूट CRPF, SOG, BSF
बालटाल रूट ITBP, SDRF, जम्मू-कश्मीर पुलिस
ट्रांजिट कैंप SSB, QRT टीम, मेडिकल स्कैन यूनिट
यह सिर्फ आस्था की यात्रा नहीं, प्रशासन की परीक्षा भी है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है — ‘इस बार सुरक्षा में चूक असंभव है।’
एक तरफ भक्तों की आस्था, दूसरी तरफ सुरक्षा का अभेद्य (Amarnath Yatra 2025 Security)कवच।
2025 की अमरनाथ यात्रा प्रशासन के लिए आस्था और एक्शन का संतुलन साबित होने वाली है।