Allahabad High Court Decision on LGBT : वीडियो वायरल होने के बाद उस पर कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया था
प्रयागराज/ए.। Allahabad High Court Decision on LGBT : एक समलैंगिक होमगार्ड ने कुछ ऐसा कर दिया था कि उसकी नौकरी चली गई थी। लेकिन अब कोर्ट ने उसे नौकरी पर बहाल करने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले की सुनवाई महिला न्यायमूर्ति के समक्ष हुई, जिसमें उन्होंने समलैंगिक होमगार्ड को फिर से नौकरी पर बहाल करने का ओदश दिया है। दरसअल समलैंगि होमगॉर्ड ने अपने पार्टनर के प्रति प्रेम व्यक्त किया था।
इसका वीडियो वायरल होने के बाद उस पर कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जिसके बाद पीडि़त होमगार्ड ने होईकोर्ट की शरण ली। इलाहाबाद (Allahabd High Court Decision on LGBT) हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उसे राहत देने वाला फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक स्थान पर अपने पार्टनर को लेकर किसी भी प्रकार का प्रेम व्यक्त करना (यदि प्रेम के नाम पर अश्लील कृत्य नहीं हुआ हो और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न नहीं की गई हो तो) अपराध नहीं है।
ये है मामला
बुलंदशहर के एक होमगार्ड को वीडियो केे आधार पर बर्खास्त किया गया था। इस वीडियो में वह अपने पार्टनर पर प्रेम व्यक्त करते हुए दिखाई दे रहा है। न्यायमूर्ति सुनिता अग्रवाल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए उसे तत्काल प्रभाव से सेवा में बहाल करने का आदेश लखनऊ स्थित होमगार्ड मुख्यालय को दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला :
हाईकोर्ट ने इस दौरान नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले का हवाला दिया। इसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति की लैंगिक अभिव्यक्ति यह उसकी व्यक्तिगत पसंद है। इसमें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप उसके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन होगा।