छत्तीसगढ़ मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहीं की मिट्टी, यहां के लोग, यहां की शिक्षा और संस्कारों ने मुझे यह मुकाम हासिल करने की ताकत दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ मुख्यमंत्री निवास में विश्वकप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट और छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी (Akanksha Satyavanshi) ने मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात कर अपनी खुशियां साझा की।
मुख्यमंत्री ने आकांक्षा को शुभकामनायें देते हुए कहा कि आपकी सफलता पूरे छत्तीसगढ़ की सफलता है। महिला क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप अभियान में छत्तीसगढ़ की बेटी के शामिल होने से प्रदेशवासियों को लगा कि हम सभी इस जीत में शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आकांक्षा को मेडल पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आकांक्षा सत्यवंशी (Akanksha Satyavanshi) की उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। आपकी सफलता आने वाली पीढ़ी की बेटियों को प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल, शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि और भी युवा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल अलंकरण सम्मान पुनः प्रारंभ कर रही है । उन्होंने साथ ही ओलंपिक में शामिल होने वाले और मेडल प्राप्त करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश के सुदूर अंचल के खेल प्रतिभाओं को मंच देने के लिए बस्तर ओलंपिक जैसे खेल आयोजनों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने खिलाडियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में कई ठोस निर्णय भी लिए गए हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ इस ऐतिहासिक जीत की खुशियां साझा करते हुए कहा कि वर्ल्ड कप जीतना भारतीय महिला टीम की सफलता के साथ ही छत्तीसगढ़ का भी सम्मान है। मुझे गर्व है कि मैं अपने प्रदेश की प्रतिनिधि के रूप में इस जीत में योगदान दे पाई। उन्होंने बताया कि यद्यपि वह मैदान में सक्रिय खिलाड़ी के रूप में नहीं थीं, लेकिन खिलाड़ियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, फिटनेस और रिकवरी को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी रही। उन्होने कहा कि मैं अपनी टीम के साथ हमेशा चट्टान की तरह खड़ी रही।
मेरी भूमिका अलग रही लेकिन यह मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि मैं टीम को जीत तक पहुंचाने की यात्रा में साथ रही। आकांक्षा ने अपना अनुभव साझा करते हुए यह भी कहा कि यदि लक्ष्य सच्चा हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। बस ज़रूरत है निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास की। इस दौरान आकांक्षा ने मुख्यमंत्री को भारतीय महिला टीम की जर्सी भेंट की और इस यात्रा के कुछ रोचक किस्से साझा किये।
नियमित दिनचर्या, संयमित खान-पान और योग फिट रहने का मंत्र
फिजियोथेरेपी आकांक्षा ने मुलाक़ात के दौरान ख मुख्यमंत्री के साथ खिलाड़ियों के फिटनेस को लेकर बातचीत की। आकांक्षा ने महिला क्रिकेट टीम कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि खेल जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिए और यह हम सभी को प्रेरित करता है।
फिटनेस को लेकर उनकी सीख हम सभी को फिट रहने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से उनके फिटनेस का राज पूछा मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री से हम सभी प्रेरित हैं।। उनकी सक्रियता, ऊर्जा,अनुशासन से हम सभी सीखते हैं। संतुलित आहार, योग और नियमित दिनचर्या ही हमारी फिटनेस का राज है।
गौरतलब है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत के पीछे छत्तीसगढ़ की एक महत्वपूर्ण और गर्वनीय भूमिका रही है। प्रदेश की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी बतौर फिजियोथैरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ टीम के साथ शामिल रहीं और खिलाड़ियों की फिटनेस व मानसिक मजबूती को बनाए रखने में अहम योगदान दिया। इस उपलब्धि के दृष्टि गत मुख्यमंत्री श्री साय ने आकांक्षा को सम्मान राशि के रूप में 10 लाख रूपये दिए जाने की घोषणा की है।
दुर्ग में जन्मीं, रायपुर में निवास (Akanksha Satyavanshi)
दरअसल दुर्ग में जन्मी आकांक्षा का परिवार रायपुर में निवास करता है, जबकि उनका पैतृक गांव कवर्धा है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और फिजियोथैरपी में बैचलर की पढ़ाई छत्तीसगढ़ में पूरी की, इसके बाद उन्होंने मास्टर्स की डिग्री कटक से हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही खेल और फिजियो साइंस के प्रति उनका झुकाव स्पष्ट दिखाई देने लगा था।
साल 2019 में आकांक्षा ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ बतौर फिजियोथैरेपिस्ट अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। अपने सिर्फ छह वर्षों के छोटे से सफर में उन्होंने अपने समर्पण, मेहनत और प्रोफेशनलिज्म के दम पर राष्ट्रीय खेल जगत में विशेष पहचान कायम कर ली।
साल 2022 में उन्हें भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के साथ वर्ल्ड कप अभियान में शामिल किया गया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस मैनेजमेंट, रिकवरी सेशन, मानसिक दृढ़ता और ऊर्जा संतुलन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके चलते टीम ने निरंतर शानदार प्रदर्शन किया।

