जोशीमठ/नवप्रदेश। Air India : एयर इंडिया ‘पेशाब कांड’ के बाद से ही टाटा ग्रुप की इस एयरलाइन की नीतियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। खासकर विमान में यात्रियों को दी जाने वाली शराब को लेकर एयरलाइन की नीति सवालों के घेरे में है। एयर इंडिया के सीईओ ने खुद कहा है कि वे एयरलाइन की शराब नीति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को स्टाफ को बेहतर ढंग से संभालना चाहिए था।
एयर इंडिया (Air India) की पॉलिसी के मुताबिक, ज्यादा शराब के नशे में यात्री खुद के लिए और फ्लाइट में सफर कर रहे बाकी लोगों के लिए खतरा है। एयर लाइन के पास शराबियों की ओर से की गई किसी भी हरकत से निपटने के लिए कदम तय हैं।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर एयर इंडिया की फ्लाइट्स में दी जाने वाली शराब को लेकर मौजूदा नीति क्या है? उड़ान के दौरान पैसेंजर्स को कितनी शराब सर्व की जा सकती है? इसके अलावा नशे में पाए गए यात्रियों को लेकर नियम क्या कहते हैं?
नियम कहते हैं
1. फ्लाइट में यात्रियों को शराब सिर्फ उनकी सीट पर ही दी जा सकती है। पैसेंजर्स को खुद की लाई शराब का सेवन करने की मनाही है।
2. एक बार में किसी यात्री को सिर्फ एक ही ड्रिंक दी जा सकती है। इस एक ड्रिंक में बीयर का एक मग (12 आउंस), वाइन या शैंपने का एक ग्लास या व्हिस्की-रम की एक छोटी बोतल शामिल है।
3. फ्लाइट में 18 साल से नीचे के किसी को भी शराब नहीं दी जा सकती।
4. चार घंटे से कम की अवधि वाली फ्लाइट में पैसेंजर्स को दे से ज्यादा ड्रिंक्स नहीं दिए जा सकते।
5. शराब परोसने के तय मानकों के पूरे होने के बाद भी अगर यात्री ड्रिंक्स की मांग करता है, तो एयरलाइन कम से कम तीन घंटे के ब्रेक का नियम मानती है। हालांकि, बिजनेस क्लास के यात्रियों के लिए ‘ब्रेक’ का यह नियम अनिवार्य नहीं है।
6. केबिन क्रू को यह सलाह दी गई है कि नशे की स्थिति में बैठे पैसेंजर्स को और शराब न परोसी जाए। हालांकि, यात्रियों के नशे में होने की स्थिति पर फैसला क्रू का ही होगा।
इसी शराब नीति की समीक्षा कर रहा एयर इंडिया
एयर इंडिया (Air India) के सीईओ-एमडी कैंपबेल विल्सन ने कहा है कि 26 नवंबर 2022 को न्यूयॉर्क और दिल्ली के बीच संचालित एआई 102 में हुई घटना के बाद एयरलाइन की तरफ से उड़ान में शराब की सेवा नीति की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा था कि एयर इंडिया ने विमान में अनियंत्रित यात्री से निपटने से संबंधित प्रावधानों का पालन नहीं किया है।