नई दिल्ली/ए.। एम्स (aiims recruitment 2020) में निकली भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी (ignorance of reservation rule) को लेकर हाईकोर्ट (high court sought response from centre) में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) में लगाई गई याचिका में का कहना है कि एम्स रायबरेली (aiims rabareli) द्वारा विभिन्न पदों पर जारी भर्ती के विज्ञापन में आरक्षण संबंधी केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया।
अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (delhi high court) ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों व एम्स (aiims recruitment 2020) से जवाब तलब किया है।
ये कहती है याचिका
याचिका संविधान बचाओ ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है। इसके मुताबिक एम्स रायबरेली की ओर से प्राेफेसर, एडिशनल प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसाेसिएट प्रोफेसर के 158 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया है। लेकिन पदाें को आरक्षित करने में आरक्षण नियमों की अनदेखी की गई। याचिकाकर्ता के मुताबिक इस भर्ती में अनुसूचित जाति के लिए िसर्फ 8, अनुसूचित जनजाति के लिए िसर्फ 2, ओबीसी के लिए 27 पद ही रखे गए हैं। जबकि अनारक्षित वर्ग में 121 पद रखे गए है। यह सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी के लिए तय आरक्षण नियम की अनदेखी (ignorance of reservation rule) है। जबकि एम्स रायबरेली का भर्ती संबंधी विज्ञापन में दावा है कि विज्ञापन केंद्र की गाइडलाइन के तहत ही दिया गया है।
केंद्र के दो मंत्रालयों के आदेशों का हवाला
याचिकाकर्ता का कहना है कि 31 जनवरी 2019 को केंद्र के कार्मिक, जन समस्या व पेंशन विभाग ने ऑफिस मेमारेंडम में यह स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र की सिविल पोस्ट की सीधी भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इस मेमोरेंडम में यह भी साफ किया गया था कि केंद्र की ऐसी सीधी भर्ती में यह एससी, एसटी, ओबीसी व अन्य आरक्षित वर्ग को आरक्षण का मॉडल रोस्टर सिस्टम उपलब्ध कराता है।
याचिका के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई 2019 को जारी अधिसूचना में केंद्रीय शिक्षा संस्थानों की सीधी भर्ती के लिए आरक्षण संबंधी नियम को स्पष्ट किया गया था। इसके मुताबिक, एससी को 15 फीसदी, एसटी को 7.5 फीसदी तथा ओबीसी के लिए 27 फीसदी और 10 फीसदी पद ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित रखा जाना अनिवार्य है।
हाने चाहिए इतने पद
इस लहाज से एम्स रायबरेली द्वारा जारी भर्ती संबंधी विज्ञापन में 158 पदों में से एससी के लिए 23, एसटी के लिए 11, ओबीसी के लिए 42 तथा ईडब्ल्यूएस के लिए 16 पद रिजर्व रखे जाने चाहिए थे। याचिका में इस अनुसार भर्ती संबंधी विज्ञापन में संशोधन की मांग की गई है। जिस पर हाईकोर्ट (high court sought response from centre) ने एम्स (aiims recruitment 2020) , केंद्र के कार्मिक, जन समस्या व पेंशन मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) तथा एम्स से जवाब तलब किया है।