- अब तक बना चुके चार हजार से ज्यादा मास्क, चिकित्सकों के साथ ही कर्मचारी, गॉर्ड, सफाईकर्मी सभी कर रहे इस्तेमाल
रायपुर/नवप्रदेश। एम्स रायपुर (aiims raipur) के चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ कोरोना वायरस से पीड़ित रोगियों के उपचार में रत हैं तो वहीं एम्स के तीन टेलर (tailor making mask) रोजाना इस स्टॉफ को संक्रमण से बचाने के लिए मास्क बना रहे हैं।
तीन टेलर (tailor making mask) अब तक एम्स रायपुर (aiims raipur) परिवार के लिए चार हजार से ज्यादा कपड़े के मास्क बना चुके हैं, जिनको पहनकर एम्स का स्टॉफ नियमित रूप से ड्यूटी कर पा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के सामने आने के बाद से एम्स में कोविड-19 वार्ड के चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए एन-95 मास्क खरीद लिए गए थे।
इनके अलावा अस्पताल, प्रशासन के कर्मचारियों, अस्पताल के अन्य नर्सिंग स्टॉफ, गार्ड, सफाई कर्मचारियों के लिए भी बड़ी संख्या में मास्क की जरूरत महसूस की जा रही थी। ये आवश्यक सेवाओं में थे जिन्हें नियमित रूप से कार्य स्थल पर पूर्ण सुरक्षा के साथ ड्यूटी करनी थी।
एक माह का दिया गया था वक्त
इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए एम्स रायपुर (aiims raipur) में कार्यरत तीन टेलर राकेश कुमार झा, होमलाल देवांगन और प्रीति कुमारी को एक माह में चार हजार कपड़े के मास्क तैयार करने का लक्ष्य दिया गया। ये तीन पिछले एक माह से लगातार मास्क बनाने में जुटे हैं। विशेष प्रकार के सेनीटाइज किए गए सूती कपड़े से तैयार किया जाना वाला यह मास्क काफी उपयोगी होता है।
180 मास्क बनाते हैं प्रतिदिन
लगभग 180 मास्क प्रतिदिन बनाकर इन तीनों ने एम्स परिवार को एक उपयोगी सुरक्षा प्रदान की। इन्होंने बताया कि अधिकतम उत्पादन के लिए इन्होंने आपस में कार्य को बांट लिया है। इसके अलावा यह खुद भी मास्क पहनकर इसे तैयार कर रहे हैं ताकि मास्क पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
इन टेलर्स की मदद से एम्स के सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को समय पर उपयोगी मास्क प्रदान किए जा सके। इस कार्य को अभी भी जारी रखा जा रहा है जिससे और अधिक मास्क की इन्वेंट्री तैयार की जा सके।
-नीरेश शर्मा, उपनिदेशक (प्रशासन) एम्स
दो और मरीज डिस्चार्ज, अब छह एक्टिव केस
एम्स के कोविड-19 वार्ड में इलाज करा रहे कटघोरा के दो और रोगियों को स्वस्थ होने के बाद शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। इन दोनों के लगातार दो टेस्ट नेगेटिव आए थे जिसके बाद चिकित्सकों ने इन्हें छुट्टी देने का निर्णय लिया। एम्स में अब छह एक्टिव केस रह गए हैं। प्रदेश में पाए गए &6 रोगियों में से &4 का इलाज एम्स में किया गया और 28 अब तक स्वस्थ होकर वापस जा चुके हैं।