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Ahmedabad : मां-बेटी का खुद ही ऑपरेशन करने लगा था कंपाउंडर, दिया एनेस्थीसिया का ओवरडोज, लाश छिपाई अलमारी में

अहमदाबाद, नवप्रदेश। अहमदाबाद के मणिनगर स्थित कर्ण अस्पताल में बुधवार को तब सनसनी फैल गयी थी, जब यहां अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर की अलमारी से एक 32 साल की शादीशुदा लड़की की लाश पुलिस ने बरामद की थी।

इसके कुछ घंटे बाद पुलिस को दूसरी लाश अस्पताल के दूसरे कमरे के बेड के नीचे से मिली थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

शुरुआती जांच में पुलिस को आशंका थी की दोनों ही मां और बेटी की हत्या किसी एक ही आदमी ने की है, लेकिन एफएसएल रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ था की हत्यारे ने इंजेक्शन देकर दोनों ही को मौत के घाट उतारा है।

पोस्टमोर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि 32 साल की भारती और उसकी मां की मौत ज्यादा मात्रा में एनेस्थीसिया देने की वजह से हुई है।

इसके बाद पुलिस ने अस्पताल में काम करने वाले मनसुख नाम के कंपाउंडर पर हत्या की आशंका के चलते उसे हिरासत में लिया था। दरअसल, भारती और उसकी मां सुबह घर पर यह कह कर निकली थीं कि उन्हें सर्जरी करवानी है,

जिसका खर्च 30 हजार रुपये है। अस्पताल का कंपाउंडर मनसुख, भारती के पति का दोस्त था, वो भारती और उसकी मां को जानता था।

मनसुख ने भारती की मां चंपाबेन को कहा था कि अस्पताल में ऑपरेशन के काफी पैसे लगते हैं, मैं आपको कम पैसे में ऑपरेशन करके दूंगा, सस्ते की बात सुनते ही चंपाबेन और भारतीबेन तैयार हो गयी थीं। इस दौरान मनसुख, चंपाबेन और भारती को मिलने उनके घर भी गया था और ऑपरेशन के नाम पर 3 हजार रुपये उधार में भी लिए थे।

मनसुख बार-बार पैसे मांग रहा था, लेकिन चंपाबेन ने कहा था कि ऑपरेशन होने के बाद वो दूसरे पैसे देगी। कल बुधवार को भी वो अपनी बेटी के साथ ऑपरेशन के लिए घर से निकली थी, लेकिन वो सरकारी अस्पताल में जाने की बजाय कंपाउंडर मनसुख के कहने पर मणीनगर की इस कर्ण अस्पताल में पहुंचे।

यहां पर सुबह डॉक्टर के आने से पहले कंपाउंडर मनसुख इसी तरह यहां आने वाले लोगों का सस्ते में इलाज कर देता था। ऑपरेशन के लिए मनसुख ने भारती को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया,

लेकिन पहले इंजेक्शन की वजह से भारती को ज्यादा असर नहीं हुआ लेकिन दोबारा एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देने के साथ ही भारती तड़पने लगी और मौत हो गई।

एनेस्थीसिया का ओवरडोज हो गया था, जिस वजह से उसी वक्त भारती की मौत हो गयी। मनसुख ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा, ‘मैंने भारती की मां को ऑपरेशन थियेटर में बुलाया और उसे भी एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दे दिया, फिर उसकी भी मौके पर मौत हो गई, दोनों की लाश को अस्पताल में ही ठिकाने लगा दिया।’ 

मनसुख, डॉक्टर और दूसरे लोगों के जाने के बाद दोनों ही लाश को ठिकाने लगाने वाला था, लेकिन किसी ने लाश देख ली और पुलिस का बुला लिया। मनसुख ने पुलिस को बताया कि उस पर काफी कर्ज हो गया था, इस वजह से सालों से डॉक्टर के यहां काम करते-करते वो कई सारे लोगों का इलाज खुद ही कर देता था।

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