रायपुर/नवप्रदेश। कृषि विभाग (agriculture dpartment) द्वारा छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के किसानों (farmer extra income) को अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खेतों की मेड़ों पर दलहन और तिलहन की फसलों की खेती को बढ़ावा देना का विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मेड़ों पर दलहन और तिलहन की खेती के लिए राज्य (chhattisgarh) के 10 जिले चयनित किए गए हैं, जिसमें बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, धमतरी, बलौदाबाजार, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ शामिल हैं। इन सभी 10 जिलों में विशेष अभियान चलाकर शत-प्रतिशत खेतों की मेड़ों पर अरहर एवं अन्य दलहनी, तिलहनी फसलों का उत्पादन किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के मार्गदर्शन में कृषि विभाग (agriculture department) ने किसानों (farmer extra income) को अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना तैयार की है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश
कृषि उत्पादन आयुक्त मनिन्दर कौर द्विवेदी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को खेतों की मेड़ पर दलहन और तिलहन की खेती के लिए किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन भी देने को कहा है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने इसके लिए किसानों को आवश्यकता अनुसार उन्नत किस्मों के बीजों की उपलब्धता एवं अन्य आवश्यक आदान सामग्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
10 जिलों के गांव-गौठानोंं में प्राथमिकता से शुरू करें कार्यक्रम : संचालक
संचालक कृषि ने सभी जिलों के उप संचालक कृषि को मेड़ों पर दलहनी एवं तिलहनी फसलों के उत्पादन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन 10 चयनित जिलों के सभी ग्रामों एवं गौठानों में प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने को कहा है। इस अभियान के संचालन में किसान संगवारियों, स्व-सहायता समूहों तथा गौठान प्रबंधन समितियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाय। राज्य के शेष 18 जिलों में भी दलहनी एवं तिलहनी फसलों और साग-सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। संचालक कृषि ने कहा उन्नत तकनीक एवं बेहतर प्रबंधन से पुरानी मेड़ों पर भी दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती की जा सकती है। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को कृषि विज्ञान केन्द्रों से समन्वय स्थापित कर अनुकूल किस्म की फसलों का चयन तथा विभाग द्वारा पूर्व में प्रदाय दलहन-तिलहन बीज मिनिकिट द्वारा उत्पादित बीजों का उपयोग भी मेड़ों पर फसल लगाने के लिए किया जाए।
समयबद्ध कार्ययोजना बनाने को भी कहा
उन्होंने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध कार्य-योजना तैयार करने और मैदानी अमलों के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा है। अक्ती बीज संवर्धन योजना ,दलहन बीज उत्पाद प्रोत्साहन योजना तथा खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) योजना अंतर्गत भी दलहनी- तिलहनी फसलों के बीज उत्पादन कार्यक्रम को यथासंभव मेड़ों पर लेने की निर्देश दिए गए है।
अलग-अलग गांवों का होगा चयन
संचालक कृषि ने अधिकारियों को जिले के समस्त विकासखंडों में पृथक-पृथक योजनाओं के अंतर्गत अलग-अलग गांव का चयन करने तथा बीज उत्पादन कार्यक्रम को क्रियान्वित करने को कहा है। जिले के अधिकारियों को गांव और कृषकों का चयन करने तथा इसकी जानकारी संचालनालय को भिजवाने के निर्देश दिए गए है।
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