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संपादकीय: ट्रेन के बाद अब निशाने पर प्लेन

After train, now plane on target

After train, now plane on target

After train, now plane on target: केन्द्र में जब से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है तभी से कुछ देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो गई हैं। जो देश में अराजकता का माहौल निर्मित करने के लिए लगातार कोशिशें कर रही हैं।

कहीं धर्म और जाति के नाम पर दंगा भड़काने की कोशिश की गई लेकिन उनकी यह कोशिश सफल नहीं हुई। इसके बाद पहले ट्रेन को निशाना बनाया गया। अब प्लेन को निशाने पर लिया गया है।

गौरतलब है कि एक माह पूर्व विभिन्न हिस्सों में ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए कभी पत्थर रखे गए तो कभी गैस सिलेंडर रखे गए। ट्रेन चालकों की सतर्कता के कारण कहीं कोई गंभीर रेल दुर्घटना नहीं हो पाई।

अब रेलवे ने ऐसी साजिशों के खिलाफ कारगर कदम उठाए हैं। जिसकी वजह से टे्रन को डिरेल करने की घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगा है।

अब अराजक तत्व प्लेन में बम होने की अफवाह उड़ाकर हवाई मार्ग को बाधित करने का षडयंत्र रच रहे हैं। 14 अक्टूबर के बाद से अब तक 150 प्लेनों में बम की अफवाह उड़ाई गई।

जिसकी वजह से प्लेन की उड़ानें बाधित हुई और कई प्लेनों की तो इमरजेंसी लैंडिंग कराने की नौबत आ गई। यह अलग बात है कि ये सभी धमकियां जांच के बाद झूठी निकली।

लेकिन इस तरह की धमकियों के कारण प्लेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। प्लेन की जांच में समय लगने की वजह से प्लेन के गंतव्य पर पहुंचने पर घंटों विलंब हुआ।

प्लेन के यात्रियों में दहशत का माहौल भी निर्मित हुआ। हवाई यात्रा बाधित होने के कारण विमान कंपनियों को पांच सौ करोड़ रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा।

जाहिर है पहले ट्रेन को और अब प्लेन को निशाना बनाने के पीछे कोई बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। जिसका उद्देश्य भारत की छवि को खराब करना है और दुनिया में यह गलत धारणा फैलानी है कि भारत एक सुरक्षित देश नहीं है।

बहरहाल केन्द्र सरकार न प्लेन में बम होने की अफवाह फैलाने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और इस मामले की एनआईए जांच कराई जा रही है।

प्लेन के यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेन में मार्शलों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है। इसके साथ ही देश के सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था भी और कड़ी कर दी गई है।

झूठे कॉल करने वालों की भी पड़ताल की जा रही है। साइबर क्राइम की टीम इस काम में जुटी हुई है। लेकिन अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि इस षडयंत्र के पीछे किसका हाथ है।

यह तो स्पष्ट है कि हमारे ही देश में ऐसे अराजक तत्व हैं जो विदेशी ताकतों की हाथ का खिलौना बने हुए हैं और वे कभी ट्रेन को तो कभी प्लेन को निशाना बनाकर देश मेें दहशत का माहौल बनाना चाहते हैं।

ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें इसकी कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे विघ्न संतोषी तत्वों की सरकारी जांच एजेंसियां जल्द ही पता लगा लेंगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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