Africa Terrorism : वैश्विक आतंकवाद पर नज़र रखने वाले संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आईएसआईएस (ISIS) के आतंकियों ने अपनी गतिविधियों को नया रूप दे दिया है। अफ्रीका, सीरिया और अफगानिस्तान की अस्थिरता का फायदा उठाते हुए यह संगठन अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सोशल मीडिया टूल्स का इस्तेमाल कर रहा है।
2017 की हार के बावजूद सक्रिय
इराक में 2017 में हार झेलने के बाद भी आईएसआईएस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बताया गया कि इसके “स्लीपर सेल” अब भी सीरिया और इराक में मौजूद हैं और धीरे-धीरे दूसरे क्षेत्रों में भी फैल रहे हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
अफ्रीका बना नया ठिकाना
यूएन टेररिज्म ऑफिस के प्रमुख व्लादिमीर वोरोनकोव के अनुसार, साहेल क्षेत्र (बुर्किना फासो, माली, नाइजर) में हाल ही में आईएस की ताकत बढ़ी है। पश्चिम अफ्रीका में यह संगठन विदेशी आतंकवादियों(Africa Terrorism) को खींचने का केंद्र बन गया है।
लीबिया और सोमालिया की रिपोर्ट
लीबिया में गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि आईएस का नेटवर्क वहां भी फैल चुका है।
सोमालिया में सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई कर लगभग 200 आतंकियों को ढेर किया और 150 से अधिक को गिरफ्तार किया।
विदेशी फंडिंग और तकनीकी सपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी समिति की प्रमुख नतालिया गेरमन ने कहा कि लेक चाड बेसिन में आईएस को विदेशी फंडिंग, ड्रोन और विस्फोटक उपकरण जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने अफ्रीका(Africa Terrorism) को आज की तारीख में “वैश्विक आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार” बताया।
पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान में खतरा बरकरार
सीरिया और इराक में यह संगठन अब भी सक्रिय है और रेगिस्तानी इलाकों से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। वहीं अफगानिस्तान में इसका सहयोगी ‘खुरासान ग्रुप’ लगातार स्थानीय समुदायों, अल्पसंख्यकों और विदेशी नागरिकों पर हमले(Africa Terrorism) कर रहा है।