छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता, समयपालन और कार्यकुशलता को मजबूत करने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाते हुए मंत्रालय में आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS Chhattisgarh) को अनिवार्य कर दिया है। महानदी भवन और इंद्रावती भवन में कार्यरत सभी विभागों में यह व्यवस्था 1 दिसंबर से लागू हो गई है ।
साथ ही, 1 जनवरी 2026 से यह प्रणाली सभी संचालनालयों और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी लागू कर दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि समयपालन सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी अधिकारियों–कर्मचारियों के लिए इसका पालन अनिवार्य होगा ।
(AEBAS Chhattisgarh) संक्रमण अवधि की तैयारियां पूरी
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी प्रवेश द्वारों पर बायोमेट्रिक मशीनें स्थापित कर दी हैं। नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है, ताकि प्रणाली निर्बाध तरीके से लागू हो सके। कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके आधार और सेवा-संबंधी डेटा पोर्टल पर सही और अद्यतन हों। नई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।
प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में बड़ा फैसला
AEBAS को लागू करना राज्य सरकार की पारदर्शी, जवाबदेह और आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे मंत्रालयों में समयपालन, अनुशासन और कार्यकुशलता को नई ऊर्जा मिलेगी। सरकार का कहना है कि यह तकनीक-आधारित प्रणाली विभागीय कार्यों को पारदर्शी, सरल और अधिक प्रभावी बनाएगी तथा शासन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाएगी।
कर्मचारी ऐसे दर्ज करेंगे उपस्थिति
नई लागू व्यवस्था के अनुसार सभी कर्मचारियों को प्रतिदिन दो बार IN (प्रवेश) और OUT (प्रस्थान) अपनी उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार ने दो समानांतर प्रणालियां उपलब्ध कराई हैं, जिनमें से किसी भी विकल्प का उपयोग कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार कर सकेंगे।
- मोबाइल ऐप के जरिए फेसियल ऑथेंटिकेशन
कर्मचारी अपने स्मार्टफोन में उपलब्ध मोबाइल ऐप पर फेसियल वेरिफिकेशन के माध्यम से IN/OUT दर्ज करेंगे।
यह तरीका तेज़, सुविधाजनक और सुरक्षित माना गया है।
ऐप स्वत : आधार-सक्षम पहचान की पुष्टि कर उपस्थिति दर्ज करेगा।
- प्रवेश द्वारों पर बायोमेट्रिक मशीनें
मंत्रालय भवनों के निर्धारित प्रवेश द्वारों पर थम्ब-बेस्ड आधार-सक्षम बायोमेट्रिक डिवाइस लगाए गए हैं।
कर्मचारी इन मशीनों में फिंगरप्रिंट स्कैन करके उपस्थिति दर्ज करेंगे।
यह विकल्प उन कर्मचारियों के लिए उपयोगी रहेगा, जो मोबाइल ऐप का इस्तेमाल नहीं करना चाहते।
दोनों सिस्टम साथ में रहेंगे सक्रिय
इन दोनों प्रणालियों, फेसियल ऑथेंटिकेशन और थम्ब-बेस्ड बायोमेट्रिक को समानांतर रूप से लागू किया गया है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी तकनीकी दिक्कत के बावजूद उपस्थिति प्रणाली बाधित न हो और कर्मचारी आसानी से उपलब्ध विकल्प से उपस्थिति दर्ज कर सकें।

