राजेश झाड़ी/बीजापुर। जिले में आदिवासी विकास समिति (adivasi vikas samiti) ने नक्सलियों केे खिलाफ (against naxals) पोस्टर वार (postar war) शुरू किया है। इस क्रम में आवापल्ली में 22 नवंबर को गांधी चौक एंव मद्देड इलाके में 26 नवंबर को समिति द्वारा नक्सलियों के विरोध में सैकड़ों पर्चे फेंके गए।
नक्सलियों के खिलाफ (against naxals) पोस्टर वार (postar war) के तहत आदिवासी विकास समिति (adivasi vikas samiti) की ओर से जारी पर्चों में बासागुड़ा क्षेत्र के तीमापुर और दंतेवाड़ा क्षेत्र के टीकनपाल में मासूमों की निर्मम हत्या का भी जिक्र किया गया है।
आदिवासी विकास समिति के प्रवक्ता ने नक्सलियों की कड़े शब्दोंं में निंदा ने करने को लेकर कुछ नेताओं पर भी निशाना साधा है। हल्बी में लिखित पर्चों में नक्सलियों को समाज का दुश्मन बताया गया है और अपील की गई है कि दुश्मन हमारे बीच में ही हैं। उन्हें पहचानने की जरूरत है। एनएच पर फेंके गए पर्चों को पुलिस ने बरामद किया है। पुलिस अब मामले की तफ्तीश कर रही है।
समिति ने ये लिखा है पर्चों में
ग्रामीणों व शिक्षकों को मारना शर्मनाक
आदिवासी विकास समिति द्वारा जारी किए गए पर्चों में लिखा है- शिक्षक हमारे उज्जवल भविष्य का रास्ता है। हमारे देश में शिक्षकों को माता-पिता के समतूल्य माना जाता है। सुकमा में शायद यह संस्कार भुला दिया गया है। नक्सली इंसान नहीं हैवान बन बैठे हैं। मुखबिरी के शक में ग्रामीणों एवं शिक्षकों को मारकर सड़कों पर फेंकना शर्मनाक कायराना करतूत है।
आगे बढ़ाने वाले हर रास्ते को रोका
पर्चों में लिखा है – ‘नक्सली हमारे हितैषी नहीं दुश्मन हैं। हमको आगे बढ़ाने वाले हर रास्ते को रोक रखा है। हम लोगों को इनकी कोई मदद नहीं करनी चाहिए। उनको दुश्मन मानते हुए उनकी सफाई करने के लिए हमें सुरक्षा बलों की मदद करनी चाहिए। आओ इस नक्सल नमक रोग को दूर करें और जो नेता इनका समर्थन करते हैं उनको भी सत्ता से हटाए।’
ये सवाल भी किए
- क्या शिक्षक एवं ग्रामीण किसी को नुकसान कर सकते हैं?
- कौन सा कानून नक्सलियों को शक के आधार पर मार डालने का अधिकार देता है ?