आदि गुरु शंकराचार्य को 8 वर्ष की उम्र में हुआ वेदों का ज्ञान, देश में की चार पीठों की स्थापना
रायपुर/नवप्रदेश। Adi Guru Shankaracharya : समारोह में डिप्टी CM बोले- दुनिया में सनातन के मान सम्मान का सबसे बड़ा योगदान आदि गुरु शंकराचार्य का है। 8 वर्ष की उम्र में ही उन्हें सभी वेदों का ज्ञान हो गया था, और उसके बाद उन्होंने पूरे देश का भ्रमण कर चार पीठों की स्थापना की। ये वो दौर है जिसमें वास्तव में सनातन का पुनरुद्धार हुआ था।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने ये बातें रविवार को छत्तीसगढ़ सनातन दशनाम गोस्वामी समाज द्वारा आयोजित आदि गुरु शंकराचार्य जयंती कार्यक्रम में कही। उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी के समय सनातन के तेज में जो कमी आई थी, वो 22 जनवरी 2024 को दूर हुई। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद दुनिया में एक बार फिर सनातन का डंका बजा।
श्री साव ने कहा कि, हम सबको सनातन पर विचार करने की आवश्यकता है। आज जब हम आदि गुरु शंकराचार्य का अवतरण दिवस मना रहे हैं, उन्होंने जिन उद्देश्यों को लेकर अपने जीवन को समर्पित किया। पूरे देश का भ्रमण किया। आज उनके किए हुए काम को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। आज सनातन का जो स्वरूप होना चाहिए था, आदि गुरु शंकराचार्य सनातन का जैसा स्वरूप चाहते थे, वह स्वरूप आज भी नहीं आया है, इसलिए उनके कामों को आगे बढ़ाने का काम हम सबको करना पड़ेगा।
आदि गुरु शंकराचार्य ने जो रास्ता दिखाया है, आज उस पर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने इतने कम समय में बड़ा काम किया है। सनातन के पुनरुद्धार और पुनर्स्थापित करने का काम हम सबको करना पड़ेगा। कार्यक्रम में ग्रामीण विधायक मोतीराम साहू, महंत रामसुंदर दास जी, डॉ महेश गिरी, समाज के पदाधिकारी व समाज के अन्य लोग उपस्थित थे।