नवप्रदेश डेस्क। Adhokshajananda’s Reply To Shankaracharya : अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर गोवर्धन पीठाधीश्वर अधोक्षजानंद देव ने कहा- उनका बयान देश की 140 करोड़ जनता का अपमान, माफ़ी मांगें शंकराचार्य निश्चलानंद।
पुरी मठ के शंकराचार्य निश्चलानंद ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाने के शंकराचार्य के बयान की गोवर्धन पीठाधीश्वर अधोक्षजानंद देव ने आलोचना की है। श्रीराम मंदिर और PM मोदी पर की गई शंकराचार्य निश्चलानंद की टिप्पणी को लेकर जगद्गुरु अधोक्षजानंद ने पलटवार किया है।
ताली बजाने की जरूरत है तो बजाई जानी चाहिए क्योंकि यदि कोई सच्चा भक्त है तो वह ताली भी बजाएगा और नृत्य भी करेगा। अधोक्षजानंद देव ने यह भी कहा लगता है कि धर्माचार्य ने अहंकार का आवरण इतना अधिक ओढ़ रखा है कि ऐसा लगता है कि इसे भक्ति शास्त्र के बारे में बिलकुल भी ज्ञान नहीं है।
बता दें कि शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा है कि प्रधानमंत्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं, इसलिए वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे। उनके बयान पर अधोक्षजानंद ने कहा कि धर्माचार्य को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
शंकराचार्य देव तीर्थ ने कहा कि धर्माचार्य द्वारा इस प्रकार का बयान देना देश की 140 करोड़ उस जनता का अपमान है जो सैकड़ों वर्ष से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा कर रही थी।
राम मंदिर के बारे में कोर्ट का आर्डर जरूर आया, लेकिन मोदी और योगी की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण ही इतने कम समय में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। सैकड़ों साल इंतजार के बाद भगवान राम अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं। इससे भारतवासी और दुनिया के सनातन धर्मावलंबी प्रसन्न हैं। केवल यही लोग दुखी हैं।
शंकराचार्य देव तीर्थ ने कहा कि ‘धर्माचार्य ने प्रधानमंत्री ही नहीं जनता की भी तौहीन की है’ ‘मोदी-योगी की इच्छा शक्ति के कारण इतने कम समय में भव्य मंदिर का बना’,’सच्चा भक्त ताली भी बजाएगा और नृत्य भी करेगा।