चंद्रग्रहण Chandra Grahan एक अद्भुत खगोलिय घटना होती है, ग्रहणकाल में चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है। ऐसी स्थिती में चाँद पृथवी की छाया से होकर गुजरता है। ऐसा सिर्फ पूर्णिमा के दिन संभव होता है। सबसे खास बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण Chandra Grahan गुरु पूर्णिमा के दिन लग रहा है। अत: गुरु परंपरा या गुरु पूजा के लिए सूतक काल से पूर्व का समय उत्तम होगा।16/17 जुलाई 2019, मंगल- बुधवार के दिन चंद्र ग्रहण Chandra Grahan लगेगा। जो कि खंडग्रास चंद्र ग्रहण Chandra Grahan होगा।
अंक ज्योतिष पंकज महेसहवरी के अनुसार यह चंद्रग्रहण 16/17 तारीख की रात्रि तकरीबन 1:32 में प्रारंभ स्पर्श होगा जबकि ग्रहण का मध्य काल रात्रि 3:01 में होगा एवं ग्रहण मोक्ष काल रात्रि 4:30 में होगा। चंद्र ग्रहण काल की कुल अवधि 2 घंटे 58 मिनट की होगी।ग्रहण का सूतक काल 16 तारीख को सायं 4:32 से प्रारंभ हो जाएगा,इस अवधि में देव स्पर्श वर्जित माना जाता है। यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में धनु एवं मकर राशि में घटित होगा।
विक्रमादित्य पुरस्कार से सम्मनित अंक ज्योतिष पंकज महेसहवरी के अनुसार ग्रहण अर्थात ग्रसित करना, जब राहु चंद्रमा को ग्रसित कर ले तब चंद्रग्रहण Chandra Grahan होता है चंद्रमा अर्थात मन का देवता। यह चंद्र ग्रहण Chandra Grahan मन: रोगों को बढ़ाने वाला, व चित्त को अस्थाई करने वाला।यह चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में दृश्य व मान्य होगा एवं साथ ही पूरे एशिया,अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया यूरोप, दक्षिण अमेरिका, हिंद महासागर के क्षेत्रों में दृश्य होगा।
- ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार यदि किसी की कुंडली में चंद्र ग्रहण Chandra Grahan योग, चंद्र केतु की युति,चंद्र राहु की युति, चंद्र शनि की युति, कालसर्प योग हो तो उस जातक पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा यदि चंद्रमा राहु के नक्षत्र में हो तब भी उस जातक पर संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी एवं मन व्यथित रहेगा।
- चंद्र ग्रहण की अवधि में महामृत्युंजय जप, अनुष्ठान करना, चंद्रग्रहण Chandra Grahan योग की शांति, होम आदि करना शुभ व सहस्त्र गुना अधिक प्रभावी माना जाता है, यदि किसी की कुंडली में विष योग, ग्रहण योग, नीच का चंद्रमा हो तो उन्हें शांति विषयक उपाय करानी चाहिए।ग्रहण मोक्ष होने के बाद स्नान इत्यादि करके शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए एवं दान मंदिरों में अथवा ब्राह्मणों को देना चाहिए।
- अंक ज्योतिष पंकज महेसहवरी के अनुसार चंद्र ग्रहण Chandra Grahan का प्रभाव प्रत्येक राशि पर पड़ता है, परंतु जन्म राशि के अपेक्षाकृत लग्न राशि से यदि ग्रहण का फल बताया जाए तो ज्यादा सटीकता प्राप्त होती है। वैसे अनुभव के आधार पर देखा जाए तो ग्रहण का प्रभाव अर्थात नकारात्मक ऊर्जा, नकारात्मक शक्ति का प्रभाव किसी भी राशि पर अच्छा नहीं होता।किसी पर अधिक किसी पर कम जरूर होता है परंतु सभी पर नकारात्मक असर ही होता है। इसलिए भगवान शिव की पूजा आराधना करते रहे तो इस चंद्रग्रहण Chandra Grahan के नकारात्मक शक्ति से बचा जा सकता है क्योंकि भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा का वास होता है एवं गले में सर्प होता है सांप का मुंह अर्थात राहु होता है ऐसा ज्योतिष में माना जाता है इसलिए सिर्फ भगवान शंकर की पूजा से ही चंद्रग्रहण Chandra Grahan के दोष से बचकर लाभ लिया जा सकता है।