रायपुर/नवप्रदेश ।छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसियों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
दर्जनभर जगहों पर एक साथ जांच चल रही है। हाल ही में ACB ने इस मामले में FIR दर्ज की थी। छापे की जद में रिटायर्ड दो IAS अफसर भी आए हैं।
EOW और ACB की टीम ने शराब घोटाले में दर्ज FIR मामले में जारी 13 वारंट स्थानों पर दबिश है। इसमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में कारोबारियों के यहां कार्रवाई की जा रही है।
बताया जा रहा है कि बिलासपुर, सरगांव स्थित भाटिया डिस्टलरी, कोटा स्थित वेलकम डिस्टलरी, कुम्हारी दुर्ग स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर स्थित अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस विवेक ढांड समेत अनिल टुटेजा के ठिकानों पर टीम ने दबिश दी है।
ACB की कार्रवाई से प्रदेश में मचा हड़कंप
एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की संयुक्त टीम ने सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच कार्रवाई को अंजाम दिया है। टीम ने प्रदेश के शराब कारोबारियों, 2 रिटायर्ड IAS के साथ 13 जगहों पर रेड डाली है। टीम के अफसर संबंधित जगहों पर पूछताछ भी कर रहे हैं।
एसीबी की कार्रवाई से प्रदेश में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। इधर शराब घोटाले के मामले में एसीबी और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच एजेंसी अपना काम कर रही है। जांच में जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
शराब घोटाला मामले में दर्ज है कई नाम
बता दें कि शराब और कोयला घोटाला मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। कांग्रेस सरकार के दौरान के पूर्व आबकारी मंत्री, पूर्व खाद्य मंत्री, पूर्व विधायक, विधायक सहित कई अफसरों और कर्मचारियों के नाम हैं।
2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर और कांग्रेस के नेताओं के नाम भी इस एफआईआर में शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता ईडी की इस कार्रवाई को राजनीतिक षड़यंत्र बताते हैं।