AAP Party : गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भले ही अपने दावों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया लेकिन गुजरात में पांच विधानसभा सीटे जीतने और लगभग 14 प्रतिशत वोट हासिल करने के साथ ही आम आदमी पार्टी का कद बड़ गया है और अब वो राष्ट्रीय राजीतिक पार्टी का दर्जा हासिल करने जा रही है।
निश्चित रूप से यह आम आदमी पार्टी (AAP Party) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पहले नई दिल्ली में लगातार तीन बार आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई और फिर वह पंजाब में भी दो तिहाई बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने में सफल हो गई। जिस पार्टी का गठन हुए अभी सिर्फ दस साल हुआ है उसने दो राज्यों में अपनी सरकार बना कर यह साबित तो कर दिया है कि वह भाजपा और कांग्रेस के मजबूत विकल्प के रूप में तेजी से उभर रही है।
यह बात अलग है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा सहित कई राज्यों में आम आदमी पार्टी ने जोर-शोर से चुनाव लड़ा लेकिन इनमें से अधिकांश राज्यों में उसकी लगभग सभी सीटों पर जमानत जप्त हो गई। हिमाचल प्रदेश के ताजा चुनाव में भी उसने उसकी सभी सीटों पर जमानत जप्त हुई है। गुजरात में भी भले ही उसे पांच सीटे मिली है लेकिन अधिकांश सीटों पर आम आदमी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है।
इससे आम आदमी पार्टी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उसने इन राज्यों में अपनी पहचान तो बना ही ली है और अगले चुनाव में वहां भी ये कुछ सीटें प्राप्त करने में सफल हो सकती है। नई दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है और वहां पन्द्रह सालों से काबिज भाजपा को सत्ता से बेदखल कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर दिया है। यह भी आम आदमी पार्टी की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। आम आदमी पार्टी ने फ्री का फार्मूला अपनाकर दो राज्यों में और दिल्ली नगर निगम में अपना कब्जा जमाया है और आगे भी उसका मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाला यह फार्मूला उसके लिए कारगर साबित होता है तो इसके में किसी को कोई हैरत नहीं होनी चाहिए।
बहरहाल अब आम आदमी पार्टी (AAP Party) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से नई दिल्ली के मुख्यमंत्री और आदमी पार्टी के सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय नेता कहलाएंगे। उनकी पार्टी को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय संचालित करने के लिए मुफ्त में आलीशान भवन भी मिल जाएगा और अन्य सुविधाएं भी मुहैय्या हो जाएगी। इसके बाद आम आदमी पार्टी देश में अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास और तेज कर देगी।
जिसका सीधा-सीधा नुकसान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी लगातार कांग्रेस के वोट बैंक पर ही सेंध लगा रही है। जाहिर है वह अपना अभियान अब दो गुणे उत्साह के साथ तेज करेगी और 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में पेश करेगी। इसमें उसे कितनी सफलता मिलती है यह देखना दिलचस्प होगा।