(Aaj-Bebaaq) महाराष्ट्र के पालघर में हिंसक भीड़ द्वारा दो संतों की निर्मम हत्या के बाद राजस्थान के करौली में एक पुजारी का जिंदा जला देने की घटना से संत समाज आक्रोशित है।
उनका आक्रोश स्वाभाविक है। साधु-संत हमारे गुरू और पथ प्रदर्शक होते है। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊंचा बताया गया है। कबीरदास जी ने कहा है-गुरू गोंविद दोऊ, द्वार खड़े काके लागू पाए, बलिहारी गुरू आपकी गोंविद दियो मिलाए। (Aaj-Bebaaq)
इन दोनों ही घटनाओं के आरोपियों को जल्द-जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कान खोलकर सुन ले सरकार, देश अब नहीं सहेगा संतों पर अत्याचार। (Aaj-Bebaaq)