Aaj Bebaaq बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ का नारा अब बदल देना चाहिए। दरिंदों से देश की बेटियां बच नहीं रही हैं।
इन नर पिशाचों के खौफ के कारण कई बेटियां तो पढऩे से भी वंचित हो रती है।
इस देश की बेटियों के साथ क्रूरता और हैवानियत की पराकाष्ठा पार हो गई है जिसकी मुख्य वजह है हमारा सड़ा-गला सड़ांध मारता हुआ सिस्टम। (Aaj Bebaaq)
जब तक सिस्टम नहीं बदलेगा हालात भी नहीं बदलेंगे। पाशविकता की शिकार बेटियों को इंसाफ दिलाने के लिए मोमबत्ती जलाने से कुछ नहीं होगा।(Aaj Bebaaq)
अब जरूरत इस बात की है कि कुंभकरणीय नींद में सोए हुए सिस्टम को जगाने के लिए हाथों में मशाल थाली जाए। (Aaj Bebaaq)