संपादकीय: सीएम उमर अबदुल्ला की साफगोई

CM Omar Abdullah's frankness
CM Omar Abdullah’s frankness: पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बेहद भावुक होकर कहा कि मुझे नहीं पता की मैं मृतकों के परिजनों से कैसे माफी मांगूं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की यह साफगोई तारीफ के काबिल है। उन्होंने यह स्वीकार किया है कि पर्यटकों की सुरक्षा में उनकी सरकार से चूक हुई है। मेजबान होने के नाते यह मेरा फर्ज था कि मैं यह सुनिश्चित करूं की कश्मीर से पर्यटक सुरक्षित लौटें पर मैं ऐसा नहीं कर सका, इस गलती के लिए मेरे पास माफ मांगने के लिए शब्द नहीं है।
इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद के खिलाफ लोगों की लड़ाई को और ज्यादा मजबूत करेगी। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों से आधे से ज्यादा पर्यटन स्थलों को बंद करने का भी उमर अब्दुल्ला की सरकार ने फैसला लिया है, जो स्वागत योग्य कदम है। जिन पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम नहीं है वहां पर्यटकों का जाना खतरे से खाली नहीं है। पहलगाम की आतंकी घटना की निकट भविष्य में पुनरावृत्ति होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। किसी भी राज्य की पुलिस हो या केन्द्र सुरक्षाबल वे हर पर्यटक की सुरक्षा नहीं कर सकते खासतौर पर जम्मू कश्मीर में जहां अभी भी आतंकवादी छिपे हुए हैं। वे ऐसे ही मौके की तलाश में रहते हैं।
जब सरकार से कोई चूक हो जाये। पहलगाम में भी ऐसा ही हुआ वहां के लोकल टूर ऑपरेटरों ने समय से पहले ही पहलगाम के पिकनिक स्पॉट पर लोगों को ले जाना शुरू कर दिया था। इसकी सूचना भी राज्य सरकार को नहीं दी गई थी। नतीजतन वहां पर्यटकों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं कराए जा सके थे।
इसी का लाभ उठाकर आतंकवादियों ने हिंसक वारदात को अंजाम दिया था। पर्यटकों की सुरक्षा में चूक को केन्द्र सरकार ने भी सरर्वदलीय बैठक में स्वीकार किया था और अब जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी सरकार की चूक को स्वीकारा है। बहरहाल जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना और सुरक्षाबल युद्ध स्तर पर अभियान चला रहे हैं। ऐसे माहौल में पर्यटक जम्मू कश्मीर जाने से कतरा रहे हैं।
जम्मू कश्मीर सरकार ने आधे से ज्यादा पर्यटन स्थलों को बंद करने का जो निर्णय लिया है, वह भी सराहनीय है। जिन पर्यटन स्थलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। वहां पर्यटक बेखौफ होकर जा रहे हैं। यह आतंकवादियों के मुंह पर करारा तमाचा है। जिन्होंने पहलगाम में आतंकी हमला कर पर्यटकों के दिल में दहशत भरने की कोशिश की थी। किन्तु देश के कोने-कोने से हजारों पर्यटक अभी भी कश्मीर जा रहे हैं और आतंकवादियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं।
इन पर्यटकों की सुरक्षा में अब कोई और चूक न हो इसका जम्मू कश्मीर सरकार और केन्द्र सरकार को विशेष ध्यान रखना चाहिए। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर कह अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग पर ही टिकी हुई है। आतंकवादियों ने पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम देकर पर्यटन उद्योग को ही तबाह करने की गहराई साजिश की है। उनकी यह साजिश सफल नहीं होनी चाहिए और जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वहां के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया जाए ताकि फिर ऐसी दुखद घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये।