रायपुर में छग, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड व ओडि़शा के पुलिस अफसरों की हुई बैठक
रायपुर/नवप्रदेश। देश में बढ़ते साइबर अपराधों (Cyber Crime) से निपटने के लिए रायपुर पुलिस मुख्यालय में 6 राज्यों सहित गृह मंत्रालय की संयुक्त रूप में आपसी सामंजस्य बनाने को लेकर बैठक आयोजित की गई।
इस दौरान छग विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज, अशोक जुनेजा विशेष पुलिस महानिदेशक, हिमांशु गुप्ता एडीजी, मनीष शर्मा सहायक पुलिस महानिरीक्षक छग, कवि गुप्ता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दिनेश कुमार सिन्हा यूपी, तथा गृह मंत्रालय से आये दीपक विरमानी उप सचिव, हिमांशु पाण्डेय, डीजीएम, जितेन्दर सिंह एसीपी उत्तरप्रदेश पुलिस, रामकुमार, एडीजी साइबर, प्रो. त्रिवेणी सिंह, एसपी साइबर क्राइम, बिहार पुलिस से विशाल शर्मा कमाण्डेंट, सुनील कुमार, उप पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू, झारखण्ड पुलिस से अरविन्द बीन्हा, यूपी सीआईडी, सुमीत प्रसाद यूपी, कोलकाता पुलिस से नुरूल अब्सार, ओडिशा पुलिस से अमितेन्द्र नाथ सिन्हा आईजी व पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के एडीजी अशोक जुनेजा के द्वारा वर्तमान में मोबाइल डिवाइस तथा इंटरनेट प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता तथा उस पर निर्भरता के बारे में उल्लेख करते हुये देश में बढ़ते साइबर क्राइम (Cyber Crime) परिदृश्य के बारे में बताया गया। इनके द्वारा भविष्य में साइबर क्राइम के चुनौतियों को विभिन्न राज्यों के द्वारा आपसी सहयोग एवं समन्वय से हल करने को कहा गया। वहीं आरके विज द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में साइबर का जिलेवार सेटअप प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा तकनीकी पहलुओं को विस्तार से बताया गया। वर्तमान में साइबर अपराध के विवेचना के दौरान आने वाली कठिनाईयों तथा चुनौतियों से अवगत कराया गया।
वर्तमान परिदृश्य में बढ़ते साइबर अपराध पर नियंत्रण हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित आई4सी के माध्यम से समन्वय स्थापित कर साइबर अपराध के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के बारे में कहा। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के बारे में बताया तथा इस दिशा में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा उठाये गये कदम के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने वर्तमान में साइबर अपराध से संबंधित कानूनों की कमियों को दूर कर उसे अधिक प्रभावी व सक्षम करने पर जोर दिया।
नकेल कसने पर दिया बल
गृह मंत्रालय नई दिल्ली के अफसरों ने केन्द्रीय स्तर पर साइबर अपराध से निपटने गठित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र तथा उसके अन्य सात घटकों के कार्यो के बारे में बताया जिसमें साइबर क्राइम पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैब के साथ-साथ गृह मंत्रालय द्वारा साइबर जागरूकता की दिशा में उठाये गये कदम के बारे में पावरपाइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया। साइबर अपराधियों के द्वारा इस्तेमाल किये गये मोबाईल नंबर, बैंक अकाण्ट के आधार पर एक राज्य में किये गये अपराध को विभिन्न राज्यों से इन्टरलिंक कर समस्त राज्यों में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने पर बल दिया गया।
भविष्य के लिए तैयार की गई रोडमैप
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, बैंक्स व टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ पुलिस को साइबर संबंधित अत्यावश्यक जानकारी प्राप्त करने में व समय पर उक्त के द्वारा त्वरित कार्यवाही करने असमन्वय तथा उससे प्राप्त चुनौतियों पर विचार विमर्श किया गया। चर्चा (Cyber Crime) के दौरान उपस्थित वरिष्ठ अधिकारीगण द्वारा इन्हें उक्त समस्याओं को दूर करने हेतु निर्देशित भी किया गया। इस प्रकार क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र के इस मीटिंग में सभी स्टेकहोल्डर्स के द्वारा इस खुले मंच में अपने विचार, समस्या तथा अनुभव साझा कर भविष्य में साइबर अपराध की दिशा में संयुक्त प्रयास कर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु एक रोडमैप तैयार करने की तैयारी की गई।