नई दिल्ली/नवप्रदेश। 5G Auction : 5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई जिसमें 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई जाएंगी।
बोली प्रक्रिया मंगलवार को सुबह 10 बजे से शुरू हुई जो शाम छह बजे तक लगाई गई है। हालांकि नीलामी की प्रक्रिया आगे जारी रहेगा कि नहीं, ये आने वाली बोलियों और बोलीकर्ताओं की रणनीति पर निर्भर करेगा।
स्पेक्ट्रम नीलामी के इस दौर में 5जी के लिए मौजूदा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज भी बोली लगाने वाली है।
दूरसंचार विभाग को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। उद्योग जगत को उम्मीद है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री आरक्षित मूल्य के आसपास ही होगी।
इंटरनेट स्पीड होगी 10 गुना तेज
देश में 5जी सेवाएं शुरू (5G Auction) होने से अत्यधिक तीव्र गति वाली इंटरनेट सेवाएं देने का रास्ता साफ हो पाएगा। मौजूदा 4जी सेवाओं की तुलना में 5जी सेवा करीब 10 गुना तेज होगी।
नीलामी के दौरान रिलायंस जियो की तरफ से ज्यादा खर्च किए जाने की उम्मीद है। एयरटेल के भी इस होड़ में आगे रहने जबकि वोडाफोन आइडिया और अडाणी एंटरप्राइजेज की तरफ से सीमित भागीदारी किए जाने की उम्मीद है।
रिलायंस जियो ने नीलामी के लिए 14,000 करोड़ रुपये की राशि विभाग के पास जमा कराई है जबकि अडाणी एंटरप्राइजेज ने 100 करोड़ रुपये की राशि जमा की है।
1 लाख करोड़ रुपये कमाई की उम्मीद
4जी की तुलना में दस गुना तेज स्पीड वाली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में अंबानी, अदाणी, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपिनियों के होड़ में शामिल होने से मामला दिलचस्प हो गया है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान दूरसंचार मंत्रालय 72 Ghz स्पेक्ट्रम की नीलामी करने जा रही है। सरकार की ओर से इसका मूल्य 4.3 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इस नीलामी के तहत निचली फ्रीक्वेंसी बैंड में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, मिड फ्रीक्वेंसी बैंड में 3300 MHz और हाई फ्रीक्वेंसी बेंड में 26 Ghz स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी है। ये नीलामी 20 साल की अवधि के लिए होनी है। सरकार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से लगभग एक लाख करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने भी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से बढ़िया कमाई की उम्मीद जताई है।
2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से कमाई
2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हुई गड़बड़ी के बाद सरकार ने साल 2014 के फरवरी महीने में 2जी स्पेक्ट्रम की दोबारा नीलामी की थी। दस दिनों तक चली इस नीलामी में 68 राउंड बोलियां लगाईं गई। नीलामी की प्रकिया समाप्त होने पर सरकार को कुल 61162 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। इस नीलामी में सुप्रीम कोर्ट ने जो 122 लाइसेंस कैंसिल किए थे उनके लिए बोली लगाई गई थी।
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से कमाई
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी साल 2022 में हुई थी। 34 दिनो तक चली इस नीलामी में कुल 183 बोलियांं लगाई गईं। सरकार को इस नीलामी से 67719 करोड़ रुपये की बंपर कमाई हुई। इस नीलामी से देश में वीडियो कॉलिंग और हाईस्पीड इंटरनेट का रास्ता खुला था। 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में एयरटेल और रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने 13-13 सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम हासिल किया था। वहीं इस नीलामी के दौरान वोडाफोन एस्सार नौ सर्किल, आइडिया सेल्युलर 11 सर्किल और टाटा ग्रुप नौ सर्किल का लाइसेंस लेने में सफल रहा था।
4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से कमाई
4जी स्पेक्ट्रम (5G Auction) की नीलामी की प्रक्रिया पिछले साल ही पूरी हुई है। यह नीलामी महज दो दिनों में ही पूरी हो गई। इस दौरान छह राउंड में 4जी स्पेक्ट्रम के लिए बोलियां लगाई गई थीं। 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को लगभग 77800 रुपये की आमदनी हुई। साल 2021 के जुलाई महीने में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों ने एक्सपायर हो रहे लाइसेंस के रिनुअल के लिए बोलियां लगाई थी। आपको बता दें कि 4जी स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी साल 2015 में हुई थी, उससे सरकार को 113932 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।