2024 Lok Sabha Elections : ईवीएम पर अभी से विधवा विलाप

2024 Lok Sabha Elections : ईवीएम पर अभी से विधवा विलाप

2024 Lok Sabha Elections: Widow mourning on EVM from now

2024 Lok Sabha Elections

2024 Lok Sabha Elections : 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी काफी समय बाकी है। लेकिन विपक्षी दलों ने अभी से ईवीएम को लेकर विधवा विलाप शुरू कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमों शरद पवार ने कुछ विपक्षी पार्टियों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें सभी ने र्ईवीएम को लेकर आशंका जताई और ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठाई है। ऐसा लगता है कि इन विपक्षी पार्टियों ने चुनाव के पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली है और अभी से ईवीएम को लेकर रोना धोना शुरू कर दिया है ताकि लोकसभा चुनाव के बाद अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर छोड़ सके। उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जब एनडीए को फिर से बहुमत मिला था तब भी ईवीएम को लेकर रूदाली गैंग ने जमकर हाय तौबा मचाई थी।

मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था और सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका को खारिज कर दिया था। इसके पूर्र्व चुनाव आयोग ने भी सभी राजनीतिक पार्टियों को चैलेंज दिया था कि वे चुनाव आयोग में आकर ईवीएम को हैक करके बताए इस चैंलेज को किसी भी राजनीतिक पार्टी ने नहीं स्वीकारा था और किसी भी पार्टी का नेता चुनाव आयोग नहीं पहुंचा था। इसका मतलब साफ है कि ईवीएम में कोई खराबी नहीं है। ईवीएम का विरोध करने वाले इस सवाल पर चुप्पी साध लेते है कि लोकसभा चुनाव के बाद नई दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ और बंगाल में जो विधानसभा चुनाव हुए उन्में गैर भाजपा दलों ने इसी ईवीएम से जीत कैसे हासिल की है।

ईवीएम यदि हैक की जा सकती तो इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमुल कांग्रेस को बंपर जीत आखिर कैसे मिली। बेहतर होगा कि राजनीतिक पार्टियां ईवीएम को लेकर व्यर्थ का बवाल खड़ा ना करें और चुनाव की तैयारी में जुट जाए मतदाताओं के बीच जाएं और अपनी पार्टी के कार्यक्रमों को उनके सामने रखें ताकि उन्हें चुनाव में सफलता मिल सके। ईवीएम पर सवाल उठाने से इन्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा। चुनाव आयोग के निर्र्णय और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह बात स्पष्ट हो गई है कि अब हर चुनाव ईवीएम से ही कराए जाएंगे।

तो विपक्षी पार्टियां उलटी गंगा बहाने की नाकाम कोशिश कर रही है। आज के वैज्ञानिक युग में जब सारी दुनिया तकनीक के नए साधनों का इस्तेमाल कर रही है तो ये विपक्षी पाटियां देश को पिछे ले जाने पर आमादा है। उनकी यह कोशिशें उन्हें हास्य का पात्र बना रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अब ईवीएम विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा। ईवीएम मशीन और बैलेट पेपर का मुद्दा विपक्षी दलों द्वारा फिर से उठा दिया गया है। इसका सम्बन्ध सीधे उस चुनाव आयोग से है जो भारत के संविधान के तहत एक स्वतन्त्र व निष्पक्ष व स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है।

संसद के बजट अधिवेशन के चलते विभिन्न विपक्षी दलों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता श्री शरद पवार के निवास पर बैठक करके चुनाव आयोग को यह याद दिलाया कि ईवीएम मशीनों के चुनावों में प्रयोग करने व इनकी विश्वसनीयता के बारे में इन दलों ने पहले सवाल पूछे थे उनका लिखित उत्तर अभी तक नहीं दिया गया। इस सन्दर्भ में एक सवाल बहुत वाजिब तौर पर खड़ा किया जाता है कि जिस देश जापान ने ईवीएम मशीनों का निर्माण किया था उसी ने इनका उपयोग करना क्यों बन्द कर दिया? इसके साथ ही दुनिया के जितने भी विकसित यूरोपीय (2024 Lok Sabha Elections) देश माने जाते हैं उनमें से भी किसी में इस मशीन का चुनावों में प्रयोग नहीं होता।

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