भाजपा सरकार ने हजारों निर्दाेष आदिवासियों को जेलों में किया बंद
मुख्यमंत्री से प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात-कवासी लखमा
0 320 आदिवासियों को पटनायक कमेटी ने रिहा करने का दिया आदेश
रायपुर/नवप्रदेश। 2008 में चुनाव (election) के दौरान बीजेपी सरकार (BJP govt) ने हजारों निर्दाेष आदिवासियों (tribal) को जेल (jail)में बंद करवा दिया (Locked up)। न्यूनतम अपराधों ( minimum Crimes) के लिए भी आदिवासियों को घेरकर जेल भेजा गया। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस (Congress) अपने घोषणा पत्र (Declaration letter) में हमारी पहल पर छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया से मिलकर सरकार बनने पर निर्दाेष आदिवासियों को छोडऩे की मांग को शामिल किया।
उक्त जानकारी आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) एवं दंतेवाड़ा की विधायक देवती कर्मा ने अपने निवास में आयोजित पत्रकारवार्ता में संयुक्त रूप से दी। लखमा ने पत्रकारवार्ता में बताया कि निर्दाेष आदिवासियों को छोडऩे की मांग को लेकर गुरूवार को शाम साढ़े सात बजे वे स्वयं देवती कर्मा, हरीश लखमा, बेला भाटिया, सोनी सोढ़ी सहित आदिवासी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर उक्त मांग तत्काल पूरा करने के लिए चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान बताया कि इस संबंध में सुप्रीम (supreme court ) के पूर्व सीजेआई अनंग कुमार पटनायक के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी ने प्रथम दृष्टि में ही न्यूनतम धाराओं में थानों दर्ज 320 आदिवासियों को तत्काल जेल से रिहा करने के आदेश जारी करने की जानकारी दी। नक्सलियों के संबंध में न्यायाधीश पटनायक द्वारा 20 दिनों की समयावधि में संपूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का शासन को निर्देश दिया है।
लखमा ने बताया कि नक्सलवाद के चलते अब तक बस्तर से ढाई लाख आदिवासियों ने अन्य स्थानों में पलायन किया है। आबकारी मंत्री ने कहा कि स्वयं बस्तर के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नकुलनार, नारायणपुर आदि क्षेत्र का दौरा करने पर उन्हें निर्दाेष आदिवासियों को जेलों में बंद करने की जानकारी मिली। उन्होंने मामले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में लाया इसके उपरांत ही आदिवासी हितैषी बघेल ने नकुलनार में हाल में ही हुई बैठक में विधायक विक्रम मंडावी, देवती कर्मा, हरीश कवासी सहित कार्यकर्ताओं द्वारा दहशतजदा आदिवासियों को तत्काल राहत पहुंचाने की पहल की है।
लखमा के अनुसार भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री हैं जो आदिवासियों के मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ की नई उद्योगनीति पर तैयार मसौदा प्रस्तुत किया जाएगा। आने वाले समय में बस्तर में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में मुख्यमंत्री के सहयोग से नए कार्यों पर पूरी गंभीरता के साथ कार्य किया जाएगा।