दुर्ग/नवप्रदेश। चंदूलाल चंद्राकर चिकित्सा महाविद्यालय व सम्बद्ध अस्पताल अंचल के रोगियों से नि:शुल्क सेवा हेतु विगत लगभग एक वर्ष से पुन:उल्लेखनीय सेवाएँ दे रहा है और भर्ती एवं शल्य चिकित्सा का आरम्भ हो चुका है, इससे अंचल के रोगोंयों पर्याप्त संबल मिल सका है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की इस प्रमुख संस्था में मेडिसिन, सर्जरी, अस्थि रोग, स्त्री रोग, नेत्र रोग, शिशु रोग, नाक कान गला रोग, पैथोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री जैसे सभी आवश्यक विभाग अपनी उत्कृष्ट व त्वरित सेवाएं दे रहें हैं।
महाविद्यालय के अस्थि रोग विभाग में नवजात शिशुओं के जन्म से ही मुडे हुए विकृत पैरो मरीज़ो को केवल क्रमश: प्लास्टर लगाकर विश्व प्रसिद्ध पोंसेटी तकनीक से इलाज किया गया जिससे अभूतपूर्व सफलता मिली और 20 नवजात में से सिर्फ एक की ही छोटी सी सर्जरी कर एक मांसपेशी की लम्बाई बढ़ाने की आवश्यकता हुई और बाक़ी शिशु बिना ऑपरेशन के ही स्वाथ्य हो गए और उनका ऑपरेशन नहीं करना पड़ा। ये सभी बच्चे 1 वर्ष या उससे कम आयु सी -1.5 वर्ष की आयु के हैं और इतने छोटे बच्चे को बेहोशी देना बेहद ज़ोखिम भरा कार्य होता है, ऐसे में बिना सर्जरी के इनकी सफ़ल चिकित्सा एक सराहनीय कार्य है।