-एक देश, एक चुनाव बिल लोकसभा में पेश हो चुका है
-अब इस बिल को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया
नई दिल्ली। one nation one election voting: दिलचस्प बात यह है कि व्हिप जारी होने के बावजूद बीजेपी के 20 सांसद लोकसभा से अनुपस्थित रहे, जिससे चर्चा छिड़ गई। अब पार्टी ने इन सांसदों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है और संबंधितों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। संसद में बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत थी। लेकिन सरकार को इस बिल पर 269 सांसदों का समर्थन मिला यानी वो बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई।
ये बीजेपी के लिए खतरनाक है। इस बिल के महत्व को समझते हुए बीजेपी (one nation one election voting) ने एक दिन पहले ही लोकसभा में अपने सभी सांसदों को 3 लाइन का व्हिप जारी किया था। इसमें बताया गया कि 17 दिसंबर 2024 को हॉल में उपस्थिति अनिवार्य है। दोनों सदनों में अहम बिलों पर चर्चा हुई। मंगलवार को जब एक राष्ट्र, एक चुनाव बिल लोकसभा में पेश किया गया तो वोटिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसमें बीजेपी के 20 सांसद गैरहाजिर रहे। मतदान के दौरान बीजेपी सांसदों की गैरमौजूदगी की जांच की जा रही है।
कौन से सांसद रहे अनुपस्थित?
गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य शिंदे, सीआर पाटिल, भागीरथ चौधरी, जगदंबिका पाल, शांतनु ठाकुर, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयनराजे भोसले, जयंतकुमार रॉय, जगन्नाथ सरकार, केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, भूपेन्द्र चौधरी और अन्य सांसदों ने कहा कि वे लोकसभा में शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए राजस्थान में थे, जबकि कुछ सांसदों ने कहा कि उन्होंने पार्टी को पहले ही बता दिया था कि वे व्यक्तिगत कारणों से उपस्थित नहीं हो सके।
सदन में अनुपस्थिति के कारणों की तलाश जरूर
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सदन में अनुपस्थिति के कारणों की तलाश जरूर की जा रही है। कुछ सांसदों के पास वास्तव में अच्छा कारण है। सभी सांसदों को नोटिस जारी कर दिया गया है। बीजेपी की सहकारी पार्टी के 4-5 सांसद गैरहाजिर रहे।
पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े
सदन में पेश किए गए बिल को चंद्रबाबू नायडू समेत एनडीए के घटक दलों के साथ-साथ वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों का भी समर्थन मिला। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में 2 बिल पेश किए गए। यह पहली बार था कि संसद (one nation one election voting) में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से मतदान किया गया। इसमें कुल 369 सांसदों ने हिस्सा लिया। बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। प्रक्रिया पर विपक्ष की आपत्ति के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कागज पर वोटिंग का आदेश दिया। 92 सदस्यों ने पेपर पर वोट किया। अंत में बिल के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।
154 सदस्यों का समर्थन जरूरी
विधेयक को मंजूरी के लिए लोकसभा के 542 सदस्यों में से 361 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता है। सरकार को एनडीए के अलावा वाईएसआरसीपी, बीजेडी और एआईएडीएमके के समर्थन की जरूरत होगी। राज्यसभा में 231 में से 154 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। वर्तमान में एनडीए के पास 114 सदस्य हैं, इंडिया अलायंस के पास 86 सदस्य हैं और अन्य दलों के पास 25 सदस्य हैं।