रायपुर । 17वीं लोकसभा के लिए रायपुर में मतदान के लिए चंद दिन शेष रह गए हैं। इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव में रायपुर में अपना प्रत्याशी बदला है। ज्ञातव्य है कि पूर्व सांसद रमेश बैस ने आठ बार कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशियों को हराया है। ऐसी स्थिति में प्रत्याशी बदलने से भाजपा की इज्जत दांव पर लग गई है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी महापौर प्रमोद दुबे के पक्ष में आए दिन क्षेत्र में स्टार प्रचारकों की भीड़ लगी हुई है। इस बार का लोकसभा चुनाव दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है। मतदाताओं की राय में प्रत्याशी बदलने से भाजपा को हार का सामना करना भी पड़ सकता है। वहीं भाजपा समर्थक मतदाताओं की राय है कि महापौर रहते सुनील सोनी ने विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वयन करने में अच्छी रूचि ली थी। रायपुर लोकसभा के अंतर्गत नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। संगठन में पदाधिकारी रहने के दौरान श्री सोनी लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बना चुके हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के लिए नौ विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार प्रसार के दौरान अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ रही है। महापौर एवं कांग्रेस नेता के रूप में प्रमोद दुबे की रायपुर में अच्छी पहचान है और कार्यों के जरिए वे लोगों में प्रभाव जमा चुके हैं। जबकि आठ विधानसभा क्षेत्रों में सुनील सोनी से उनकी कांटे की टक्कर है। दोनों ही प्रत्याशियों के महापौर एवं पूर्व महापौर रहने के कारण इस बार का चुनाव आम मतदाताओं के लिए रोमांचक हो गया है। राजनीति शास्त्र के पूर्व प्राध्यापक केडी भट्ट के अनुसार 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में दोनों में से किसे चुना जाता है इसका फैसला ईव्हीएम मशीन में डाले गए मतों की गणना के बाद ही पता चलेगा।