Site icon Navpradesh

आसनसोल में स्टार-वार, मुनमुन और बाबुल आमने-सामने

आसनसोल । पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट के लिए चुनाव मैदान में दो हस्तियों मुनमुन सेन और बाबुल सुप्रियो के बीच जबदस्त चुनावी जंग छिड़ी है।
आसनसोल से मौजूदा सांसद श्री सुप्रियो इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं, जबकि बांकुरा से सांसद सुश्री सेन अब बाबुल की सीट छीनने की जुगत में है।
बंगला फिल्म इंडस्ट्री ‘टॉलीवुड’ की आइकॉन सुचित्रा सेन की पुत्री एवं बंगाली फिल्मों के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय के जरिये लोकप्रियता बटोरने वाली सुश्री सेन ने राजनीति में भी धमाकेदार एंट्री की थी। सुश्री सेन ने 2014 के आम चुनाव में बांकुरा लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और यहां से नौ बार सांसद रहे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के वासुदेव आचार्य को हराकर अपनी पहली चुनावी जीत हासिल की। श्री आचार्य 1980 से लगातार सांसद निर्वाचित होते रहें , लेकिन सुश्री सेन के हाथों मात खा गए और बांकुरा में माकपा का राज छिन गया।
तृणमूल कांग्रेस ने इस बार सुश्री सेन को आसनसोल में उम्मीदवार बनाया है और वह श्री सुप्रियो को चुनौती देने के मूड में हैं, हालांकि इस बार सुश्री सेन के लिए आसनसोल की सीट हथिया पाना उतना आसान भी नजर नहीं आ रहा।
मुंबई के रिकार्डिंग स्टूडियो से संसद तक का सफर तय करने वाले श्री सुप्रियो ने 2014 में उस दौर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से चुनाव लड़ा और जीता, जब पश्चिम बंगाल में भाजपा को केवल दो ही सीटें हाथ लगी। इनमें एक सीट आसनसोल की थी , जहां से श्री सुप्रियो ने जीत का परचम लहराया ।
सहज एवं सरल व्यवहार के धनी बाबुल ने अपने खिलाफ सुश्री सेन को तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार घोषित किए जाने पर रोचक टिप्पणी भी की थी। उन्होंने कहा, “ममता जी सेन को ही मेरा विरोधी बनाती आ रही हैं। वर्ष 2014 में डोला सेन और अब 2019 में मुनमुन सेन।”
लोरेटो कॉन्वेंट शिलॉन्ग और लोरेटो हाउस, कोलकाता की पूर्व छात्रा सुश्री सेन ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया, जहां श्री इमरान खान (वर्तमान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) उनके सहपाठी रहे । उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय के अलावा बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है। दूसरी ओर श्री सुप्रियो पार्श्वगायक के रूप में मशहूर हैं तथा बांग्ला और हिंदी में अनेक गीतों को स्वरबद्ध किया है।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल में महज दो सीट हासिल करने वाली भाजपा राज्य में अपना जनाधार और सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस भाजपा को उसकी दो सीटों से भी बेदखल करने की हरसंभव कोशिश कर रही है और आसनसोल से श्री सुप्रियो के मुकाबले सुश्री सेन को खड़ा करना उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है।
वर्ष 2014 के चुनाव में आसनसोल सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार डोला सेन को पराजित कर चुके श्री सुप्रियो इस बार भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, जबकि सुश्री सेन का दावा है कि यहां तृणमूल की लहर हैं और उनकी जीत सुनिश्चित है।

Exit mobile version